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Monday, 24 December 2018

Know, What to Wear With shirt in the Festive Season

जानिए, फेस्टिव सीजन में कुर्ते के साथ क्या पहनें

आपके लिए कुछ ऐसे सवाल, जिनका उत्तर आज आपको मिलने वाला है  ......
  • क्या आप शादी, पार्टी में खुबसूरत दिखना चाहते हैं ?
  • क्या आप ड्रेस और कलर पसंद करने में कंफ्यूज हो जाते हैं ?
  • क्या आप दुसरो से अलग दिखना पसंद करते हैं ?
  • क्या आप एक जैसे लुक को ट्राई करके ऊब गये हैं ?
  • क्या आप दूसरों के लुक को देख कर attract होते हैं ?
अगर आपका जवाब हां है तो "जानिए, फेस्टिव सीजन में कुर्ते के साथ क्या पहनें, जिससे आपका लुक और ज्यादा ब्राइट दिखाई दे" जानने के लिए पढ़ते रहिये आज का यह आर्टिकल, जो आपके लिए ही लिखा गया है. आज आप इस आर्टिकल के दुआरा जन पाएंगे की आप अपने आप को दूसरों दे बेह्टर और स्टायलिश कैसे दिखाएँ.
दोस्तों आपने ड्रेस और अपने लुक को ब्राइट करने और स्टाइलिश दिखने के लिए बहुत सरे आर्टिकल पढ़े होंगे, लेकिन आज हम आपको वो बातें बताने जा रहे है जिन्हें आप शायद नहीं जानते हैं.

तो कृपया ध्यान से पढ़ें और अपने जीवन में सभी चरणों का पालन करें .......

फेस्टिव सीजन में कुर्ते के साथ पायजामा के अलावा और क्या पहन सकते है

नमस्कार मेरा नाम है सोनू सिंह छूरिया और स्वागत है आपका "The sonu singh" solution guide", में जहाँ आज आप जानने वाले है "जानिए, फेस्टिव सीजन में कुर्ते के साथ क्या पहनें" जिससे आपका लुक और ज्यादा ब्राइट दिखाई दे" तो देर न करते हुए आइये शुरू करते है आज के Topic को 


फेस्टिवल सीजन के आते ही तैयारियां जोरों पर शुरू हो जाती हैं. दुर्गा पूजा, करवाचौथ, दीपावली, छठ पूजा और उसके बाद बहुत साडी शादियाँ. यानी कि त्‍योहार और खुशियों का सिलसिला लंबा चलने वाला है. अब त्‍योहार हैं तो सजना-संवरना तो बनता है. 
क्या आपको पता है कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं सजतीं, बल्‍कि पुरुष भी सजते हैं. और इसका सारा क्रेडिट बदलते फैशन को जाता है. जी हां, अब वो पहले जैसे दिन नहीं रहे, जब लड़कों को हर बार हर त्‍योहार में सिर्फ कुर्ता-पायजामा पहनकर काम चलाना पड़ता था. अब लड़कों के पास अपने कुर्ते को स्‍टाइल करने के एक से बढ़कर एक ऑप्‍शन हैं. वैसे तो ढेर सारे लोअर्स के ऑप्‍शन मौजूद हैं लेकिन हम यहां पर पहले से Ready to Wear सिले-सिलाए कपड़ों की बात कर रहे हैं. कुर्ते के नीचे इन लोअर्स को पहनना आसान है और सस्‍ता भी.

पहने सिल्‍क धोती 

वैसे तो पुरे देश भर में धोतियों के कई प्रकार मौजूद हैं. लेकिन उन्‍हें खरीदने के लिए आपको किसी राज्‍य विशेष में जाने की जरूरत नहीं है. अगर आप इस बेज कलर की रेडीमेड धोती को अपने किसी ब्राइट कुर्ते के साथ पहनेंगे तो आपका लुक ही बदल जाएगा. आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.

पटियाला सलवार 

पटियाला सलवार के ऊपर भी कुर्ता बेहद जंचता है. धोती की तुलना में इसे पहनना और कैरी करना भी आसान है. इस पटियाला सलवार को आप पटियाला कुर्ते के साथ पहनेंगे तो मजा आ जाएगा. आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.

जोधपुरी पैंट्स 

अगर आपके पास प्रिंटेड ब्‍लेजर है तो बस आपका काम हो गया. जी हां, आप इस फेस्टिव सीजन में अपने प्रिंटेड ब्‍लेजर को इस मरून सिल्‍क जोधपुरी पैंट के साथ पहनेंगे तो आपका स्‍टाइल गेम कई गुना बढ़ जाएगा. आप इसे शॉर्ट कुर्ते के साथ भी पहन सकते हैं. आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.

सुझाव 
  • रंग और डिजाईन को पसंद करते समय अपने पर्सनालिटी और स्किन कलर को ध्यान में जरुर रखें.
नोट 
  • अगर आप के मन में इस ARTICLE से RELATED कोई सवाल या सुझाव है तो PLEASE हमे COMMENT जरुर करे, आपका FEEDBACK जानकर हमे ख़ुशी होगी. 
  • आपको हमारा यह ARTICLE कैसा लगा, प्लीज COMMENT करके जरुर बताएं.
  • अगर आप चाहते हैं की हम आपके लिए ऐसे आर्टिकल लिखते रहे तो हमारे आर्टिकल को शेयर जरुर करें, "जानिए, फेस्टिव सीजन में कुर्ते के साथ पायजामा नहीं, पहनिए ये चीजें".
SUBSCRIBE कीजिये "THE SONU SINGH" solution guide को, और पाइए अपने हर सवाल का सही जवाब .

Thanks for visit here ........ !!

Wednesday, 19 December 2018

how to become the perfect career

जानिए,काउंसलिंग के बारे में, कैसे बनेगा सही कैरियर

काउंसलिंग के बारे में आपके दुआरा पूछे जाने कुछ ऐसे सवाल, जिनके आज आपको जवाब मिलने वाले हैं ......
  • क्या और कैसे होती है काउंसलिंग ?
  • कितना फायदा और नुकसान होता है काउंसलिंग से ?
  • कब करानी चाहिए काउंसलिंग ?
  • क्यों जरुरी है काउंसलिंग ?
  • कौन सा करियर रहेगा आपके लिए सही ?
  • प्रोफेशनल कौन्स्लेर्स की महत्वपूर्ण बातें .............

How To Become The Right Career


अगर आप सब यह जानना चाहते है तो पढ़ते रहिये आज का हमारा यह आर्टिकल "जानिए, काउंसलिंग के बारे में, कैसे बनेगा सही कैरियर" जो आपके लिए ही लिखा गया है. आज इस आर्टिकल के दुआरा आप जन पाएंगे की अपने करियर को ऊंचाई तक कैसे ले जाना है. बीएस यह आपकी म्हणत और काम करने के तरीके पर निर्भर करता है.
ध्यान से पढ़िए और बताई गयी सभी बातों का पालन कर अपने करियर को और भी बेह्टर बनायें.

नमस्कार मेरा नाम है सोनू सिंह छुरिया, और स्वागत है आपका "The sonusingh" सलूशन गाइड में. जहाँ आज आप पढ़ रहे हैं  "काउंसलिंग के बारे में, कैसे बनेगा सही कैरियर"

आइये शुरू करते हैं आज का आर्टिकल

काउंसलिंग क्या है, कैसे होती है और उसके क्या लाभ हो सकते हैं, 

नये जिले का रहने वाला नरेंद्र सिंह 12वीं की परीक्षा दे रहा है, पर अभी से उसे यह बेचैनी सता रही है कि कला विषयों से 12वीं करने के बाद उसका भविष्य क्या होगा। वह आईएएस अधिकारी बनना चाहता है, पर यह नहीं जानता कि क्या कला विषयों से पढ़ाई करके वह आईएएस बन सकता है, 

  • यदि बन सकता है तो उसे ग्रेजुएशन में कौन से विषय लेने चाहिए ?
  • क्या उसे आगे की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से करनी होगी ? 
अभी तक वह हिन्दी माध्यम से ही पढ़ाई करता आया है। नाटे कद का होने के कारण वह अपनी पर्सनेलिटी को लेकर भी काफी परेशान है। अपनी इन्हीं सब परेशानियों के समाधान के लिए उसने एक दिन हिन्दुस्तान अखबार में फोन किया। उसके इतने सवालों के बारे में उसे संतुष्ट करना आसान नहीं था, सो उसे राय दी गई कि वह अपनी काउंसलिंग करवा ले तो सब स्पष्ट हो जाएगा। नरेंद्र काउंसलिंग के नाम से हड़बड़ा गया। दरअसल काउंसलिंग के बारे में उसने पहली बार सुना था। इसकी उसे जानकारी नहीं थी। नरेंद्र की तरह ऐसे अनेक छात्र हैं, जो काउंसलिंग के बारे में बहुत स्पष्ट जानकारी नहीं रखते और इसका फायदा नहीं उठा पाते। काउंसलिंग क्या है और उसका एक छात्र या करियर बनाने वाले के जीवन में क्या महत्व है, इसके बारे में विशेषज्ञों की राय के साथ विस्तार से बता रहे हैं..........

हर व्यक्ति की अपनी एक अलग पहचान होती है। लोग समाज में उसे उसकी पहचान, काबिलियत और उसके हुनर की बदौलत जानते हैं। जिंदगी को मुकाम देने के लिए अक्‍सर देखने में आता है कि युवा सही करियर या पढ़ाई के लिए सही क्षेत्र का चुनाव नहीं कर पाते। इससे उनके अंदर का व्यक्तित्व बाहर नहीं आ पाता। ऐसे में न तो वे अपने करियर और पढ़ाई में सफलता हासिल कर पाते हैं और न ही जिंदगी में संतुष्ट हो पाते हैं। 

मोनालिसा जैसी पेंटिंग बनाने वाले पाबलो पिकासो से किसी ने एक बार पूछ लिया कि आप पेंटर क्यों बने तो पिकासो ने कहा कि मेरी मां ने मुझे कहा था कि अगर तुम सैनिक बनते हो तो तुम जनरल जरूर बनोगे, अगर तुम साधु बनते हो तो तुम पोप जरूर बनोगे, बजाए इसके मैं एक पेंटर बना। 

पिकासो की ये पक्तियां हमें ये सीख देती हैं कि हमें खुद के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचानना चाहिए, 

  • (करियर के नाम पर सिर्फ नौकरी करना और रोजी-रोटी कमाना ही जिंदगी नहीं है)

करियर के नाम पर आपका खुद का विकास बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर आपका विकास नहीं होगा तो जिस क्षेत्र में आप काम कर रहे हैं, वहां आप एक रुटीन काम ही करते रहेंगे, सफलता कभी आपके कदम नहीं चूमेगी। ऐसे में जिस पेशे में भी आप अपना करियर बनाएं, उसमें जी-तोड़ मेहनत करें। किसी की देखा-देखी या बाजार में प्रचलित करियर के अनुरूप करियर न बनाएं। अगर ऐसा होता तो न तो सचिन तेंदुलकर होते, न एआर रहमान, न आमिर खान और न ही चेतन भगत।

 क्यों जरुरी है काउंसलिंग 

  • काउंसलिंग के माध्यम से किसी भी छात्र में उसके अनुरूप बेहतर विकल्पों को तलाशा जाता है। काउंसलिंग द्वारा छात्रों की क्षमताओं का आकलन, संबंधित क्षेत्र में करियर के विकल्प तलाशना, लॉन्ग टर्म लक्ष्यों और भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाता है। 

  • करियर काउंसलर परवीन मल्होत्रा कहती हैं ..... कि अगर गलती से भी आपने गलत करियर या विषय चुन लिया तो आपकी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर न तो सरपट दौड़ पाएगी और न ही सफलता आपके हिस्से में आएगी। अगर आपने ऐसा करियर या विषय चुना, जो आपकी पर्सनेलिटी, आपकी रुचि पर फिट बैठता है तो आप उसमें बेहतर करने का हरसंभव प्रयास करेंगे और अगर आपने ऐसा करियर चुन लिया, जो आपने सिर्फ दोस्तों के कहने पर चुना है तो आपकी आधी कामयाबी वहीं से कम हो जाएगी। 


  • डीयू के डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा कहते हैं ...... कि करियर काउंसलिंग आवश्यक है। यह आपके दिमाग को फिल्टर करने का काम करती है। प्रमुख बात यह है कि एक बार आप करियर चुनने में भटक गए तो ताउम्र तनाव आप पर हावी रहेगा। करियर में भटकने पर किसी भी छात्र की स्थिति रेगिस्तान में रास्ता भूले मुसाफिर की तरह होती है, जहां उसके सामने दो चुनौतियां होती है-पहली यह कि वह अपना रास्ता तलाशे और दूसरी, तपती धूप में खुद को शिद्दत से जमाए रखे।

कैसे करते हैं काउंसलिंग ?

  • काउंसलिंग के लिए छात्र का एप्टीटय़ूड टेस्ट लिया जाता है। इसके द्वारा छात्र की विश्लेषणात्मक क्षमता, उसकी सोच, विषय पर पकड़ आदि का पता लगाया जाता है।इसके अलावा उसका मनोवैज्ञानिक टेस्ट भी किया जाता है। 

  • करियर काउंसलर रहमान बताते हैं कि ..... एप्टीटय़ूड टेस्ट में यह जांचा जाता है कि  छात्र ने किस विषय के कितने प्रश्नों का उत्तर दिया, उन्हें कैसे हल किया। साथ ही उसनेप्रश्नों को किस आधार पर हल किया है। 
  • करियर काउंसलर हनुमंत सब्बरवाल कहते हैं कि ..... काउंसलिंग के दौरान छात्र-छात्र के रुझान और रुचि को देखा जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र कहता है कि उसकी एयरोनॉटिकल में रुचि है, लेकिन वह मैथ्स की पढ़ाई नहीं करना चाहता तो ऐसे में सबसे पहले उस क्षेत्र के रुझान के मुताबिक करियर के विकल्प तलाशे जाते हैं। विकल्प देते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि लॉन्ग टर्म में वह छात्र के लिए कैसा है। 
  • स्मार्ट प्रेप के सीईओ नीतेश गुप्ता कहते हैं कि ..... करियर काउंसलिंग के माध्यम से मुख्यत: किसी अभ्यर्थी की रियल लाइफ में काम करने की क्षमता को जांचा जाता है।

ऐसा क्षेत्र जो शोहरत और पैसा दिलाए ?

  • करियर या पढ़ाई के लिए विषय चुनना सिर्फ जीविकोपाजर्न का मसला नहीं है, क्योंकि रोजी-रोटी तो इंसान किसी तरह कमा ही लेगा। पर अगर आप ऐसे काम को अपनाएं, जो आपकी जीविका का स्त्रोत तो बनें ही, साथ ही आपको तरक्की और संतुष्टि भी दे तो ज्यादा बेहतर होगा। 
  • हो सकता है कि आप किन्हीं तीन-चार के अनुरूप फिट बैठते हों, पर यह आपकी काबिलियत है कि आप उनमें से अपने लायक सबसे बेहतर करियर का चुनाव कर सकें और इसमें अगर आप सफल हो गए तो सफलता आपकी रहगुजर होगी। 
  • करियर काउंसलर परवीन मल्होत्र कहती है कि ..... काउंसलिंग के लिए आने वाले छात्र का कॉमन सवाल यही होता है कि कौन-सा करियर या विषय लेने पर उन्हें तरक्की और शोहरत जल्दी मिलेगी।       

सिर्फ एक ही करियर है, जो कि मेरे लिए पूरे तौर पर सही है ?

  • प्रत्येक व्यक्ति की रुचियां अलग-अलग होती हैं। सभी के काम करने का तरीका अलग होता है। ऐसे में हरेक व्यक्ति अपनी रुचि, स्किल के मुताबिक करियर का चयन करने की कोशिश करता है, जो उसे संतुष्टि प्रदान करता हो। 
  • जैसे-जैसे आप बड़े होंगे, आप महसूस करेंगे कि एक से ज्यादा करियर हैं, जो आपके लिए जिंदगी की किसी स्टेज और स्थिति के अनुरूप आपके लिए सही होते हैं। उस क्षेत्र में सफलता तय है, जिसका क्रेज ज्यादा है या ज्यादातर लोग उसे ही अपना रहे हैं
  • अक्‍सर आपके बड़े या परिचित आपको प्रचलित करियर के बारे में सलाह देते रहते हैं, चूंकि उनका उस क्षेत्र से ज्यादा वास्ता नहीं होता, ऐसे में वह आपको ऐसे करियर के बारे में ही बताते हैं, जिसके बारे में उन्होंने काफी सुन रखा है या सुन रहे होते हैं। वहीं अकसर यह भी देखने में आता है कि मेरा दोस्त उस क्षेत्र में जा रहा है तो मैं भी उस क्षेत्र में जाऊं। जो की सही नहीं है।    

अगर मैंने अपना करियर या विषय बदला तो मैं असफल हो जाऊंगा ?

  • बदलाव जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसा सोचना कि किसी कंपनी में बस मुझे एक नौकरी मिल जाए और उसमें मैं अपनी पूरी उम्र काट दूंगा या फिर मैं साइंस क्षेत्र का हूं, मेरी लॉ में रुचि है, पर लोग  कहते हैं कि साइंस छोड़ी तो फेल हो जाओगे, सही नहीं है। 
  • करियर काउंसलर हनुमंत कहते हैं कि ..... कई बार देखने में आता है कि बारहवीं के बाद एक विषय से दूसरे विषय में जाने पर सफलता बेहतर मिलती है, पर छात्रों के मन में इसे लेकर संशय होता है। वह कहते हैं कि तकनीकी परिदृश्य में आए बदलाव की वजह से पूरे जीवन में प्रत्येक के लिए परिस्थितियों के मुताबिक अलग-अलग करियर होते हैं और इनकी संख्या तीन से चार तक हो सकती है।

मैं मेहनती हूं तो मैं कुछ भी कर सकता हूं ?

  • आप वास्तविकता में जिएं। अपनी सीमाओं को समझों। करियर या विषय का फैसला लेते समय इस बात को जेहन में रखें। उदाहरण के तौर पर आपकी नजर कमजोर है, पर आप पायलट या पुलिस ऑफिसर बनना चाहते हैं। ऐसे में आपकी कड़ी मेहनत का गुण ज्यादा फायदेमंद साबित नहीं होता। और हां, जिंदगी में कुछ सीमाएं होने में बुराई भी नहीं है। 
  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अध्यापक गंगा सहाय मीणा कहते हैं कि ..... मेहनत हर समस्या का हल होती है, पर करियर या विषय के चुनाव में इस बात को आधार बनाना आपकी तरक्की के प्रतिशत को कम कर देता है।

मैं किसी क्षेत्र या विषय के लिए उपयुक्त हूं, इसका मतलब यह है कि मैं इस क्षेत्र के लिए सबसे बेहतर हूं ?

  • कुछ लोग यह सोचते हैं कि कुछ क्षेत्र उनकी पर्सनेलिटी और स्किल के अनुरूप होते हैं और उसमें वह पूरी तरह से फिट बैठते हैं। सफलता को स्वयं के अनुरूप मापदंड बना कर मापना चाहिए, न कि किसी की सलाह या फिर देखा-देखी। 
  • आपके मुताबिक यह करियर फिट है, इसका पता आप खुद की स्किल और क्षमताओं के आधार पर लगा सकते हैं।

प्राइवेट या सरकारी नौकरी ?

  • करियर काउंसलर एमएच रहमान कहते हैं कि ..... छात्रों का सबसे बड़ा मिथक होता है सरकारी और प्राइवेट जॉब को लेकर। 
  • करियर को लेकर कई छात्र पूरी तरह इस बात के प्रति पक्के होते हैं कि उन्हें सरकारी जॉब नहीं करनी, जबकि कुछ का मानना होता है कि उन्हें प्राइवेट नौकरी नहीं करनी है।

एंट्रेंस है तो मुश्किल ही होगा ?

  • करियर काउंसलर हनुमंत सब्बरवाल कहते हैं कि ..... अमूमन छात्रों में यह धारणा रहती है कि अगर किसी कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा ली जा रही है तो वह मुश्किल ही होगी। ऐसे में उनकी नजर में इस तरह की परीक्षा की अहमियत काफी बढ़ी हुई होती है।

कुछ अलग करना है ?

  • स्मॉर्ट प्रेप के सीईओ और करियर काउंसलर नीतेश गुप्ता कहते हैं कि ..... मौजूदा समय में छात्रों के अंदर कुछ अलग करने की बात होती है। पर देखने में आता है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि उन्हें अलग करना क्या है। 
  • ट्रेंड से हट कर करने की ख्वाहिश उनके मन में होती है, ऐसे में उन पर अपने मजबूत पक्षों को दरकिनार कर कुछ नया करने की धुन सवार रहती है।

नंबर जिसमें अच्छे, उसमें करियर बेहतर ?

  • करियर चुनते समय सबसे आम धारणा यही होती है कि मेरे इस विषय में अंक अच्छे हैं तो इसमें करियर अपनाऊंगा। 
  • नीतेश कहते हैं कि ..... इस आधार पर करियर का चुनाव करना और उसमें सफलता हासिल करने का प्रतिशत 50-50 होता है।

दोस्त चुन रहे हैं अमुक करियर ?

  • हनुमंत सब्बरवाल कहते हैं कि ..... काउंसलिंग में आने वाले छात्र उस करियर को ही अपनाने पर अधिक जोर देते हैं, जिसे उनके दोस्त अपना रहे होते हैं। उस दौरान छात्र अपने मजबूत और कमजोर पक्ष को नहीं देखते, बल्कि वह भावनात्मक रूप से फैसला करते हैं। 
  • रहमान कहते हैं कि ..... प्रमुख बात यह है कि पारिवारिक पेशे को अपनाने में छात्रों का कांसेप्ट पूरी तरह स्पष्ट होता है। वे पारिवारिक करियर को अपनाने या नहीं अपनाने के लिए सटीक सोच रखते हैं।

काउंसलिंग के फायदे .....

  • विकल्पों के बारे में जानकारी: मौजूदा समय में करियर के ढेरों विकल्प हैं। विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन की भरमार है। ऐसे में छात्रों को उनके क्षेत्र से जुड़े स्पेशलाइजेशन, विकल्पों के बारे में जानकारी देने में काउंसलिंग काफी अहम साबित होती है। 

  • दीर्घकालिक लक्ष्य: काउंसलिंग छात्रों के लक्ष्य को दीर्घकालिक बनाने में मददगार साबित होती है। स्मार्ट प्रेप के सीईओ नीतेश गुप्ता कहते हैं कि ..... अमूमन छात्र करियर या कोर्स के बारे में तय करते समय दीर्घकालिक लक्ष्यों के बारे में गौर नहीं करते, वे करियर के बारे में शॉर्ट टर्म एप्रोच रखते हैं। ऐसे में काउंसलिंग की मदद से उनके भविष्य का रोडमैप तैयार किया जाता है।
  • सोच में स्पष्टता: दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा कहते हैं कि ..... कुछ छात्रों के मन में इस बात को लेकर तो स्पष्टता होती है कि उन्हें अमुक क्षेत्र या कोर्स लेना है, पर उनके एक या दो संदेह उनका करियर खराब कर देते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि कॉमर्स में पढ़ाई करने वाला छात्र एमबीए या सीए में से एक करियर चुनने की बात करे, उस दौरान काउंसलिंग उसकी सोच से उसके असमंजस को दूर करने में मददगार होती है।

  • प्रत्येक व्यक्ति की अपनी खासियत और स्वभाव होता है। यहां तक कि जुड़वां बच्चों के भी स्वभाव अलग-अलग होते हैं। ऐसे में करियर और विषय चुनते समय अपनी रुचि, पर्सनेलिटी और टेंपरामेंट का खासतौर पर ध्यान रखें, क्योंकि ये कोई अल्पकालिक प्रक्रिया नहीं है।
परवीन मल्होत्रा, करियर काउंसलर
  • सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, खासकर करियर और विषय के चुनाव में। ऐसे में काउंसलिंग किसी भी छात्र के भविष्य का रोडमैप तैयार करने में सबसे ज्यादा असरदार होती है। वह छात्र को उधेड़बुन से बाहर निकालती है और सोच को सटीक बनाती है।
हनुमंत सब्बरवाल, करियर काउंसलर
  • मौजूदा समय में करियर के हजारों विकल्प हैं। इनमें से कुछ करियर ऐसे हैं, जो आने वाले समय में बड़े करियर के तौर पर स्थापित होने जा रहे हैं तो कुछ ऐसे होते हैं, जिनकी समयावधि छोटी होती है। ऐसे में काउंसलर से सलाह लेकर करियर की गुत्थी सुलझाई जा सकती है।
नीतेश गुप्ता, करियर काउंसलर और सीईओ स्मार्ट प्रेप
  • करियर काउंसलिंग दिमाग की उलझन कम कर देती है। यह आपको आपके लक्ष्य को हासिल करने में मदद करती है। गलत करियर का चुनाव ताउम्र आपके लिए तनाव का कारण बन जाता है। उस दौरान किसी की स्थिति रेगिस्तान में फंसे हुए मुसाफिर की तरह हो जाती है।
डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा, डिप्टी डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर, दिल्ली विश्वविद्यालय
  • करियर जिंदगी का सबसे अहम फैसला होता है। ऐसे में इसका चुनाव करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। प्रमुख बात यह भी है कि करियर काउंसलर आपके सामने करियर के विकल्प रखता है। अंतिम फैसला छात्र का ही होता है कि उसे कौन सा करियर चुनना है।
सुझाव
  • अपने आप में खुद की पहचान को तराशें, पहचाने की आपको किस काम को करने में समय की भी परवाह नहीं रहती है. ऐसा करने से आप अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है.
नोट 
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Tuesday, 18 December 2018

How To Do Advertising in free of cost

फ्री में कैसे करें विज्ञापन

आपके दुआरा पूछे जाने वाले कुछ ऐसे सवाल, जिनका उत्तर आज आपको मिलने वाला है  ........ 

  • क्या और कैसे होता है विज्ञापन ?
  • क्या जरूरी है विज्ञापन के लिए ?
  • कैसे फायदा और नुक्सान होता है विज्ञापन से ?
  • कहाँ से करें विज्ञापन की शुरुआत ?
  • क्या अंतर होता है सही और गलत विज्ञापन में ?
  • मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें ?
  • अपने व्यवसाय, प्रोडक्ट और सर्विस को कैसे बढ़ावा दें ?

How To Do Advertising in free of cost / मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें
How To Do Advertising in free of cost / मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें


अगर आप ये सब जानना चाहते है तो पढ़ते रहिये आज का हमारा यह आर्टिकल "How To Do Advertising in free of Cost/ मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें" जो आपको दिलाएगा विज्ञापन में आने वाली सभी समस्या से छुटकारा, बस यह आपकी मेहनत और काम करने के तरीके पर निर्भर करता है. इसके लिए अपने आपको मजबूत और समझदार बनायें.
ध्यान से पढ़ें आज का यह आर्टिकल, और अपने जीवन में सभी चरणों का पालन कर अपने व्यवसाय को स्थापित करें .....
आज हम आपसे इस आर्टिकल में ऑनलाइन विज्ञापन के साथ – साथ ऑफलाइन विज्ञापन के बारें में भी बात करेंगे जो बहुत ही कम खर्च में संभव है.
नमस्कार मेरा नाम है सोनू सिंह छूरिया और स्वागत है आपका "The sonu singh" solution guide में, जहाँ आज आप "How To Do Advertising in free of cost / मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें" सिखने वाले है , तो देर न करते हुए आइये शुरू करते है आज के Topic को .

क्या और कैसे होता है विज्ञापन 

आपके व्यापर, सर्विस या किसी प्रोडक्ट को, कस्टमर को बताने की प्रक्रिया को विज्ञापन कहते हैं. यह कई प्रकार से होता है, जैसे टीवी, बोर्ड, बैनर, पम्पलेट, होर्डिंग, रेडियो, कार्ड, आदि दुआरा किया जाता है. इसका सीधा सा मतलब होता है, कस्टमर के दिमाग में अपने व्यापर, सर्विस या प्रोडक्ट को बेह्टर से बेह्टर दिखाना.

क्या जरूरी है विज्ञापन के लिए ?

विज्ञापन के लिए सबसे जरुरी है विज्ञापन का डिजाईन और उस पर लिखी गयी सर्विस सुविधाएँ. अगर आप की सुविधाएँ बेह्टर हैं और आप के विज्ञापन का डिजाईन अच्छा है, तो कस्टमर आप के व्यापर, सर्विस या प्रोडक्ट की और आकर्षक जरुर होगा.

क्या फायदा और नुक्सान होता है विज्ञापन से ?

देखा जाये तो विज्ञापन से फायदा ही होता है, इसका कोई नुकसान नहीं है, मगर ध्यान रहे बिना किसी तैयारी के विज्ञापन करना गलत है. अगर आप अपने व्यापर, सर्विस या प्रोडक्ट को लेकर तैयार नही हैं तो उसका विज्ञापन भी न करें. ऐसा करने से आपका नुकसान हो सकता है, क्योंकि अगर कस्टमर तक आपकी सर्विस नही पहुंचेगी तो वो आपको फर्जी/ झूठा समझ लेते हैं और भविष्य में आप से कोई भी संबंध रखना नही चाहेंगे.

कहाँ से करें विज्ञापन की शुरुआत ?

सबसे पहले विज्ञापन की शुरुआत अपने लोकल एरिया से करें, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बताएं. ऐसा करने से आपको अपनी सर्विस और प्रोडक्ट का फीडबैक मिलेगा. जिससे आप उसमे आने वाली परेशानियों को दूर कर सकते हैं. अगर आप अपनी सर्विस या प्रोडक्ट को लेकर लोकल एरिया में सफल होते हैं तो उसके बाद अपनी पहुँच और विज्ञापन को दुसरे एरिया में फैलाना शुरू करें.

क्या अंतर होता है सही और गलत विज्ञापन में ?

क्या आप को पता है की विज्ञापन दो प्रकार के होते हैं, १ सही और २ गलत. दोनों में अंतर .....

  • १. जो विज्ञापन  बिना प्लानिंग के किया जाता है वो गलत विज्ञापन की लिस्ट में आता है, क्योंकि उसमे बहुत सी बाते हम कस्टमर को नहीं बता पातें हैं. जिनका ध्यान हमे पूरी तैयारी करने के बाद में आता है. ऐसे में विज्ञापन में होने वाला खर्च बेकार सा लगने लगता है.
  • २. पूरी तियारी के साथ किया जाना वाला विज्ञापन सही विज्ञापन की लिस्ट में आता है, क्योंकि इसमें हम वो सब सुविधाएँ दरशाते हैं जो कस्टमर को हमारी तरफ आकर्षित करता है, और एक बेह्टर परिणाम देता है.

 मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें ?

जानने से पहले ये समझना बहुत जरुरी है की जिंदगी में मुफ्त कुछ नहीं मिलता है ! लेकिन नीचे बताये गए सभी तरीके से मुफ्त विज्ञापन संभव है. इसके लिए घुमा फिर कर पे करना होता है. ऐसे घुमाने की प्रक्रिया को हम मुफ्त समझते है. क्यूंकि इन्टरनेट की सुविधा लगभग सभी के पास है. और इन्टरनेट उपयोग करने के लिए हमे पैसे देने पड़ते हैं.

अपने व्यवसाय, प्रोडक्ट और सर्विस को कैसे बढ़ावा दें ?

 Store से बाहर की सोचें

  • मैं कई Business Owner से मिल चूका हूँ. सभी का एक ही प्रश्न होता है, कैसे अपने Business को Free में या बहुत कम खर्च कर Promote करें ? यदि देखा जाये तो यह Million Dollar का Question है. Store से बाहर निकल कर देखने पर पता चलेगा Online दुनिया कितनी बड़ी है. Business, Services या Product को Free में Promote करने का सिर्फ और सिर्फ एक ही तरीका है Online Promotion. इसके लिए आपको अपने स्टोर से बहर निकल कर सोचना होगा, लोगो तक अपनी सर्विस की पहुँच बनानी होगी.


Online Network Create करें

  • सभी Popular Social Media Platform पर Account setup करें. उसे Continue Promote करें. Profile और Page का Engagement बढ़ाएं. इसके लिए regular update करें. Update कई तरीके से हो सकता है. जैसे Text Post, High-Quality Image Share, Informational Video Share and many more.


Share Product and Services

  • सभी Popular Social Media Platform पर Product, services और Business Related Information share करें. Related FB Group, Google Plus Group, Pinterest Board में Information share करें. 


Create and Maintain Relationship

  • Social Media पर Clients के साथ Relationship build up करें. हम अक्सर Social Media पर काफी समय बर्बाद कर देते हैं. Daily अपने Profile में Check करें आज किसका Birthday है उसे Wish करें. ऐसा करने से Network बढ़ता है. आपके आने वाले Post को वो Like और Share करेंगे. यदि Paid Promotion की बात करो तो इसके लिए आप Bulk SMS का भी इस्तेमाल कर सकते हो.


Message Reply

  • Social Media message enable रखें. Clients के message का reply जरूर करें. Reply देने से Engagement बढेगा. Brand का trust build up होगा.


Use Free Service of Google

  • Google Local Business
  • Google Brand Page
  • Google Plus
  • Youtube Video


Ebook

  • Business related ebook publish करें जिसमे आपके business से related सभी जानकारी हो. ebook में खुद को प्रमोट नहीं करें बल्कि Product और service related important information share करें. सिर्फ book के bottom में company का नाम और नंबर mention करें. book में एक memorable story भी लिख सकते है. जिससे buyer motivate हो.


Guest Post on Blog

  • Business से Related Blog पर Content publish करें. लगभग सभी Blog Guest Posting Allow करता है. उनसे Contact करें और Guest Post करें.


Feedback

  • Customers से feedback लेते रहें. feedback से आप Product और Services में improvement ला सकते हैं. 


Create Website

  • कई ऐसे Platform है जहाँ free में Website बना सकते हैं. लेकिन यदि आपका Budget allow करता हो तो Self hosted Website बनवा सकते हैं.
SUGGESTION 

  • जो पॉइंट्स आपको अछे लगे सिर्फ उन्हें ही यूज़ करें, बाकि सब में फंस कर समय बर्बाद न करे.
NOTE 

  • अगर आप के मन में इस ARTICLE से RELATED कोई सवाल या सुझाव है तो PLEASE हमे COMMENT जरुर करे, आपका FEEDBACK जानकर हमे ख़ुशी होगी. 
  • आपको हमारा यह ARTICLE "How To Do Advertising in free of cost / मुफ्त में विज्ञापन कैसे करें" कैसा लगा, प्लीज COMMENT करके जरुर बताएं.
  • अगर आप चाहते हैं की हम आपके लिए ऐसे आर्टिकल लिखते रहे तो हमारे आर्टिकल को शेयर जरुर करें,
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